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Mahishasur Mithik Aur Paramparaye – Pramod Ranjan

Original price was: ₹350.00.Current price is: ₹300.00.

  • Page : 360
  • ISBN : 9788193992227

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Description

इक्कीसवीं शताब्दी में महिषासुर ( Mahishasur Mithik Aur Paramparaye – Pramod Ranjan Hindi Book ) आंदोलन द्विज संस्कृति के लिए चुनौती बनकर उभरा है। आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों का एक व्यापक हिस्सा इसके माध्यम से नए सिरे से अपनी सांस्कृतिक दावेदारी पेश कर रहा है।

यह आंदोलन क्या है, इसकी जड़ें कहां तक विस्तारित हैं, बहुजनों की सांस्कृतिक परंपरा में इसका क्या स्थान है, लोक-जीवन में उनकी उपस्थिति किन-किन रूपों में है, इसके पुरातात्विक साक्ष्य क्या हैं? गीतों, कविताओं व नाटकों में महिषासुर किस रूप में याद किए जा रहे हैं और अकादमिक-बौद्धिक वर्ग को इस सांस्कृतिक आंदोलन ने किस रूप में प्रभावित किया है, उनकी प्रतिक्रियाएं क्या हैं?

क्या महिषासुर अनार्यों के पूर्वज थे, जो बाद में एक मिथकीय चरित्र बन कर बहुजन संस्कृति, जीवन-पद्धति और सभ्यता के प्रतीक पुरुष बन गए? क्या यह बहुत बाद की परिघटना है, जब मार्कण्डेय पुराण और दुर्गासप्तशती जैसे ग्रंथ रचकर, एक कपोल-कल्पित देवी के हाथों महिषासुर की हत्या की कहानी गढ़ी गई? इस आंदोलन की सैद्धांतिकी क्या है?

महिषासुर मिथक और परम्पराएँ प्रमोद रंजन हिन्दी किताब ( Mahishasur Mithik Aur Paramparaye – Pramod Ranjan ) में लेखकों ने इस संदर्भ में उठने वाले विविध प्रश्नों का उत्तर दिया है तथा विलुप्ति के कगार पर खड़े असुर समुदाय का विस्तृत नृवंशशास्त्रीय अध्ययन भी प्रस्तुत किया है।

समाज-विज्ञान व सांस्कृतिक विमर्श के अध्येताओं, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, साहित्य प्रेमियों व रंगमंच कर्मियों के लिए एक आवश्यक पुस्तक।

Additional information

Weight 0.230 kg
Dimensions 15 × 2 × 7 cm

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